बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने मंगलवार को कहा कि महागठबंधन में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को जितनी सीटें मिलेंगी, उससे कम पर वह सहमत नहीं होंगे. मांझी के स्थानीय आवास पर मंगलवार को हम सेक्युलर के कोर कमेटी की बैठक हुई, इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में मांझी ने कहा, ‘हम उनसे (कुशवाहा की पार्टी से) कम सीट पर किसी भी कीमत पर (लोकसभा चुनाव) नहीं लड़ेंगे. अगर नहीं राजी होते हैं तो हमलोग विचार करेंगे कि क्या करना है.’
एनडीए छोड़कर महागठबंधन में शामिल हुए मांझी से यह पूछे जाने पर कि महागठबंधन से नाता तोडने पर उनके पास दूसरा विकल्प क्या होगा, उन्होंने इस बारे में कुछ भी तत्काल कहने से इंकार करते हुए कहा, ‘विकल्प पर पार्टी के भीतर बात होगी. आगामी 18 फरवरी को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक है.’ उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में हम लोग कुशवाहा की पार्टी से अधिक सीट पाने की बात करेंगे. मांझी ने कहा, ‘कुशवाहा कुछ दिन पहले महागठबंधन में शामिल हुए हैं जबकि हम सेक्युलर पहले से महागठबंधन में शामिल है. ऐसे में अगर उनसे कम सीट पर हम सेक्युलर को चुनाव लडने के लिए कहा जाएगा तो यह कैसे संभव होगा.’ उन्होंने कहा कि यह मायने नहीं रखता, ‘हमें एक, दो या दस सीट मिलती है बल्कि हमें कुशवाहा जी से अधिक सीट मिलनी चाहिए.’
बता दें, जनवरी महीने में एक रालोसपा नेता ने ने दावा किया था कि महागठबंधन राष्ट्रीय लोक समता पार्टी को आगामी लोकसभा चुनाव में चार सीटें देने पर राजी हो गया है. यह भाजपा नीत-राजग द्वारा उसे पेशकश की गई सीटों की दोगुनी संख्या है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न उजागर करने के अनुरोध पर कहा कि कुशवाहा ने कांग्रेस के साथ बातचीत करने के बाद रांची में राजद प्रमुख लालू प्रसाद से मुलाकात की थी, जिसके बाद समझौते को अंतिम रूप दिया गया. साथ ही यह भी दावा किया गया था कि आरएलएसपी को काराकाट सीट दी गई है, जहां से कुशवाहा सांसद हैं. इसके अलावा मोतिहारी, गोपालगंज की सीट भी दी गई है.